Madhabi Puri Buch मौजूदा समय की सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ़ इंडिया के अध्यक्ष हैं | वह सेबी के प्रथम महिला अध्यक्ष हैं | इस लेख में हम उनके जीवन से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण जानकारी का उल्लेख करने वाले है | उनके बारे में हम आपको इसलिए बता रहे हैं क्योंकि फिलहाल गूगल पर उनका नाम काफी ज्यादा ट्रेंड कर रहा है | इसका कारण इन्वेस्टमेंट और रिसर्च कंपनी हिंडनबर्ग ने उन पर आरोप लगाया है के माधबी पुरी बुच और उनके पति का मॉरीशस के कंपनी ग्लोबल डायनामिक ऑपर्चुनिटी फंड में हिस्सेदारी है |
हिंडनबर्ग का कहना है यह वही कंपनी है जिनमें गौतम अडानी के भाई विनोद अडानी ने बहुत सारे पैसे निवेश किए हैं | आप सभी लोग जानते ही होंगे पिछले दो सालों में हिंडनबर्ग का एक रिपोर्ट आने से अदानी ग्रुप कंपनी का क्या हाल हुआ था ? लेकिन अभी तक SEBI के तरफ से इन आरोपों पर किसी भी प्रकार का प्रतिक्रिया नहीं आया है |
Madhabi Puri Buch कौन है?
माधवी पूरी का जन्म साल 1966 में हुआ था | वह भारत की प्रथम महिला SEBI अध्यक्ष बनी, व्हाट इस संस्थान से साल 2017 से जुड़ी हुई है | जब उन्होंने इस संस्थान को ज्वाइन किया तब वे पूर्व अध्यक्ष अजय त्यागी के साथ काम कर रही है | माधवी ने अपनी शिक्षा मुंबई के एक स्कूल फोर्ट कॉन्वेंट स्कूल से किया है | यहां से कुछ दिन पढ़ाई करने के बाद वह दिल्ली चली गई जहां उन्होंने बाकी के स्कूल की पढ़ाई पूरी की, दिल्ली में उन्होंने कॉन्वेंट ऑफ जीसस एंड मैरी स्कूल से पढ़ाई किया |
स्कूल का पढ़ाई खत्म करने के बाद उन्होंने गणित में स्नातक की पढ़ाई पुरी की, यह डिग्री उन्होंने दिल्ली केसेंट स्टीफन कॉलेज से की थी | ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद वह भारत के सबसे बड़े मैनेजमेंट कॉलेज, IIM अहमदाबाद से MBA किया | उनके पिता का नाम कमलपुरी है | सिर्फ 18 वर्ष की उम्र में ही उनकी सगाई यूनिलीवर कंपनी के निदेशक धवल बुच के साथ हो गई थी | सगाई के तीन वर्ष बाद इन दोनों की शादी हो गई | तब से लेकर अभी तक वह दोनों एक साथ ही जीवन व्यतीत कर रहे हैं | उनके पिताजी कॉरपोरेट क्षेत्र से जुड़े हुए हैं जबकि उनकी माता भी काफी ज्यादा पढ़ी-लिखी है | माधवी का एक बेटा भी है जिनका नाम अभय बुच है |
नाम | माधबी पुरी बुच |
जन्म | 1966 |
पिता का नाम | कमलपुरी |
पति का नाम | धवल बुच |
बेटे का नाम | अभय बुच |
कार्य | SEBI की अध्यक्ष |
Madhabi Puri Buch का करियर
माधुरी ने अपने पूरे जीवन काल में बहुत सारे कंपनियों में काम किया है | सबसे पहले उन्होंने साल 1989 में भारत के सबसे बड़े प्राइवेट बैंक आईसीआईसीआई बैंक से जुड़ी | इस बैंक से जोड़ने के बाद हुआ साल 1993 में इंग्लैंड के वेस्ट चेशायर कॉलेज लेक्चर के रूप में भी कार्यरत रही | तकरीबन 12 साल तक इन्होंने कई सारे कंपनियों में सेल्स मार्केटिंग एवं प्रोडक्शन के क्षेत्र में काम किया |
साल 2006 में एक बार फिर वह आइसीआइसीआइ बैंक सिक्योरिटी में शामिल हुई और कुछ दिनों बाद वह इस बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर के रूप में भी कार्यरत रही | साल 2017 में वह पहली बार सेबी से जुड़ी, जहां उन्हें विभिन्न प्रकार के कार्यों को सोपा गया | इस संस्थान में वह पूर्व कालीन निदेशक के रूप में नियुक्त हुई | साल 2022 में उन्हें 3 वर्षों के लिए SEBI का अध्यक्ष चुना गया | ऐसा SEBI के इतिहास में पहली बार हुआ जब कोई महिला SEBI का अध्यक्ष चुनी गई |
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Madhabi Puri Buch का विवाद
अगस्त 2024 में अमेरिका के शॉर्ट -सेलिंग एक्टिविस्ट फर्म हिंडनबर्ग ने उन पर आरोप लगाया के माधवी और उनके पति का मॉरीशस के एक कंपनी में बहुत सारे पैसे लगाए हैं | मैं आपको बताना चाहूंगा यह वही कंपनी है जिनमें गौतम अडानी के भाई विनोद अडानी का भी इन्वेस्टमेंट है | लेकिन माधवी और उनके पति ने इन सभी आरोपी को खंडन किया है |